हाईकोर्ट ने अलवर जिले में नाबालिग का अपहरण कर उससे दुष्कर्म कर गर्भवती करने के मामले में पीड़िता के गर्भपात की मंजूरी देते हुए उसका भ्रूण साक्ष्य के लिए सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है। साथ ही एसएचओ राजगढ़, अलवर को कहा है कि वे पीड़िता को सीएमएचओ अलवर के समक्ष उपस्थित करें।
सीएमएचओ पीड़िता का गर्भपात करवाने के संबंध मेें मेडिकल बोर्ड बनाएं और डॉक्टर्स की देखरेख में गर्भपात किया जाए। जस्टिस एके गौड़ ने यह आदेश पीड़िता व उसके भाई की याचिका पर दिया। अदालती आदेश के पालन में मेडिकल बोर्ड ने रिपोर्ट पेश कर कहा कि पीड़िता 14 सप्ताह व 5 दिन की गर्भवती है। जिस पर अदालत ने एसएचओ व सीएमएचओ को निर्देश दिया। दरअसल पीड़िता व उसके भाई ने अदालत में याचिका दायर कर गर्भपात की मंजूरी मांगी थी। इसमें कहा था कि पीड़िता का अपहरण कर उससे दुष्कर्म किया है। पुलिस ने पीड़िता को हरियाणा से बरामद किया था। इस दौरान पता चला कि पीड़िता गर्भवती है। ऐसे में उसके भविष्य को देखते हुए गर्भपात की मंजूरी दी जाए। हालांकि कोर्ट ने बतौर साक्ष्य भ्रूण को सुरक्षित रखने को कहा है।
नाबालिग दुष्कर्म पीडि़ता के गर्भपात को हाईकोर्ट की मंजूरी; भ्रूण को साक्ष्य के लिए सुरक्षित रखने का दिया निर्देश